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छत्तीसगढ़ में आवास और अर्थव्यवस्था को बूस्ट! EWS-LIG मकान अब आम जनता के लिए खुले

Chhattisgarh Tarni Soni 15 November 2025 (11)

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के हाउसिंग सेक्टर को बड़ी राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि, जो EWS (इकोनॉमिकली वीक सेक्शन) और LIG (लो इनकम ग्रुप) श्रेणी के मकान लगातार तीन बार विज्ञापन के बावजूद नहीं बिक पाए हैं, वे अब आम जनता के लिए उपलब्ध होंगे।

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आय वर्ग की शर्त खत्म, सब्सिडी नहीं

राज्य में कम आय वर्ग के लिए बनाए गए करीब दो हजार से अधिक अनबिके मकान वर्षों से खाली पड़े थे। नए फैसले के तहत:

इन मकानों को खरीदने पर अब आय वर्ग से संबंधित कोई शर्त लागू नहीं होगी। कोई भी नागरिक इन्हें खरीद सकता है।

सरकार का उद्देश्य इन खाली पड़े आवासीय ढांचों को उपयोग में लाना और हाउसिंग परियोजनाओं का दबाव कम करना है।

हालांकि, कैबिनेट ने स्पष्ट किया है कि, खरीदार को सरकार की ओर से मिलने वाला कोई अनुदान, छूट या सब्सिडी नहीं दी जाएगी। यह कदम कम आय वर्ग के लिए उपलब्ध सहायता के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।

बल्क परचेज को भी मिली अनुमति

रियल एस्टेट में जड़ता को खत्म करने के लिए एक और अहम पहल की गई है। कैबिनेट ने बल्क परचेज (Bulk Purchase) की अनुमति दे दी है।

इसका अर्थ है कि अब कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी इन श्रेणी के एक से अधिक मकान खरीद सकती है।

यह निर्णय ऐसे हाउसिंग बोर्ड और विकास प्राधिकरणों को बड़ी राहत देगा जो खरीदार न मिलने के कारण अनबिके फ्लैटों से जूझ रहे थे।

कृषि क्षेत्र को बड़ी वित्तीय सहायता

आवास से जुड़े फैसलों के साथ-साथ राज्य सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए भी बड़े वित्तीय निर्णय लिए हैं:

धान खरीदी: इस सीज़न की धान खरीदी को सुगमता से संचालित करने के लिए ₹15,000 करोड़ रुपये की गारंटी और ₹11,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति दी गई है। यह किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगा।

दलहन और तिलहन: कैबिनेट ने स्पष्ट किया है कि दलहन और तिलहन की खरीदी प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत पहले की तरह जारी रहेगी, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भरोसा मिलता रहेगा।

प्रशासनिक विभागों का पुनर्गठन

प्रशासनिक कुशलता बढ़ाने के लिए दो प्रमुख विभागीय विलय को भी मंजूरी दी गई:

सार्वजनिक उपक्रम विभाग को अब वाणिज्य-उद्योग विभाग में विलय किया जाएगा, जिससे औद्योगिक और सार्वजनिक उपक्रमों के बीच समन्वय बढ़ेगा।

बीस सूत्रीय कार्यक्रम विभाग को योजना-आर्थिक-सांख्यिकी विभाग में शामिल किया जाएगा, ताकि योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन क्षमता बढ़ाई जा सके।

सरकार का कहना है कि ये सभी कदम विकास योजनाओं को गति देने और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए उठाए गए हैं। अब देखना यह होगा कि EWS-LIG मकानों को सभी के लिए खोलने से रियल एस्टेट बाज़ार में किस तरह के बदलाव आते हैं।

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