बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के औद्योगिक परिदृश्य में एक ऐतिहासिक बदलाव आया है। राज्य के बलौदाबाजार जिले के सोनाखान क्षेत्र में स्थित बाघमाड़ा के जंगलों में, प्रदेश की पहली आधिकारिक स्वर्ण खान (Gold Mine) की खुदाई शुरू कर दी गई है। विशेषज्ञों का शुरुआती अनुमान है कि इस खान से लगभग 500 किलोग्राम सोना प्राप्त हो सकता है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
वेदांता ग्रुप ने लगाई सबसे ऊंची बोली
इस महत्वकांक्षी खनन परियोजना को शुरू करने के लिए वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) ने सबसे ऊंची बोली लगाकर अधिकार हासिल किए हैं।
राज्य सरकार से सभी आवश्यक पर्यावरण और खनन स्वीकृतियाँ मिलने के बाद, अब औपचारिक रूप से खुदाई का काम प्रारंभ हो चुका है।
अत्याधुनिक तकनीक और स्थानीय रोजगार पर जोर
बाघमाड़ा क्षेत्र में भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey) में सोने के भंडार के संकेत मिलने के बाद, विस्तृत जियो-टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की गई थी। अब खनन में अत्याधुनिक मशीनरी और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है।
राज्य खनिज विभाग के अनुसार, खनन कार्य राष्ट्रीय पर्यावरणीय मानकों (Environmental Standards) के अनुरूप होगा, जिसमें वन्यजीवों और स्थानीय पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव सुनिश्चित किया जाएगा।
इस परियोजना से स्थानीय क्षेत्र के लोगों के लिए सैकड़ों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। खदान प्रबंधन, इंजीनियरिंग, तकनीकी विशेषज्ञों और पर्यावरण निगरानी से जुड़े कार्यों में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर शामिल किया जाएगा।
ऐतिहासिक महत्व और अर्थव्यवस्था को नई पहचान
सोनाखान क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है, जहाँ ब्रिटिश शासनकाल से ही सोने के भंडार की चर्चा होती रही है। आधुनिक तकनीक की मदद से अब वह सपना साकार हो रहा है।
यह पहली गोल्ड माइनिंग परियोजना छत्तीसगढ़ के राजस्व में बड़ी वृद्धि करेगी और मध्य भारत के औद्योगिक नक्शे पर राज्य को एक नई पहचान प्रदान करेगी।







