LNJP Hospital: दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट (Red Fort Blast) से प्रभावित लोगों को सांत्वना देने और स्थिति का जायजा लेने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूटान से लौटते ही सीधे एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) पहुँचे। प्रधानमंत्री ने अस्पताल में भर्ती घायलों और पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान, अस्पताल के बाहर की तस्वीरें सामने आईं, जिनमें सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त दिखाई दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों से व्यक्तिगत रूप से बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस मुश्किल समय में प्रधानमंत्री का अस्पताल पहुँचना यह दर्शाता है कि सरकार इस आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति कितनी संवेदनशील है और उनकी देखभाल को कितनी उच्च प्राथमिकता दे रही है। प्रधानमंत्री ने अस्पताल प्रबंधन को सर्वोत्तम उपचार सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
शाम 5:30 बजे सुरक्षा समीक्षा: हाई-लेवल मीटिंग की तैयारी
घायलों से मिलने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम को एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। यह बैठक हमले की गंभीरता को देखते हुए बुलाई गई है, जिसमें आगे की कार्रवाई और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत चर्चा होगी।
शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री दो महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करेंगे:
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक: इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और विदेश मंत्री जैसे प्रमुख सदस्य शामिल होंगे। यहाँ पर ब्लास्ट की जाँच की प्रगति, सुरक्षा चूक की समीक्षा और भविष्य की आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
कैबिनेट की बैठक: इस बैठक में ब्लास्ट के संबंध में आगे की कार्रवाई, पीड़ितों के लिए राहत पैकेजों और सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
सख्त संदेश: आतंकवाद पर सरकार का कड़ा रुख
प्रधानमंत्री का भूटान से लौटते ही सीधे अस्पताल जाना और तुरंत हाई-लेवल मीटिंग बुलाना यह स्पष्ट करता है कि केंद्र सरकार इस आतंकी हमले को लेकर कितनी गंभीर है। ये बैठकें न केवल आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा करेंगी, बल्कि जाँच एजेंसियों को इस मॉड्यूल की जड़ तक जाने और इसके पीछे के साज़िशकर्ताओं को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए सख्त निर्देश भी देंगी।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद, पूरे देश की निगाहें इन बैठकों पर टिकी हैं। इन बैठकों से निकलने वाले फैसलों से यह तय होगा कि सरकार आतंकवाद और सीमा पार के खतरों से निपटने के लिए क्या रणनीतिक बदलाव करती है। देश को उम्मीद है कि सरकार इस हमले का करारा जवाब देगी और सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ दोहराई न जाएँ।







