रायपुर (छत्तीसगढ़)। बस्तर में 208 माओवादियों के बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की भाजपा सरकार और सुरक्षा बलों की सराहना की है, जिसे लेकर वन मंत्री केदार कश्यप ने उन पर तंज कसा है।
बघेल ने बताई 'विश्वास-विकास-सुरक्षा' नीति की सफलता
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माओवादियों के मुख्यधारा में लौटने को अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान अपनाई गई 'विश्वास-विकास-सुरक्षा' नीति की सफलता का परिणाम बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "मुझे खुशी है कि राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री जी ने पहले की तरह हमारी ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ नीति को आगे बढ़ाया है।"
बघेल ने आत्मसमर्पण को "राष्ट्रीय लड़ाई के अंत की दिशा में सकारात्मक कदम" बताते हुए सरकार और सुरक्षा बलों को बधाई दी।
2018 में माओवाद उन्मूलन नीति बनाने का दावा
बघेल ने अपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के प्रयासों को याद करते हुए कहा कि 2018 में सरकार आने के बाद पहली बार माओवाद उन्मूलन नीति बनाई गई थी। उनके अनुसार, बड़ी संख्या में कैंप खोले गए, सड़कें बनीं और स्कूलों में घंटियां गूंजीं। उन्होंने कहा कि इस अभियान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी सहयोग रहा।
भाजपा पर साधा निशाना
इस दौरान भूपेश बघेल ने राज्य में डेढ़ दशक तक रही पिछली भाजपा सरकार पर माओवाद के खिलाफ इच्छाशक्ति न दिखाने का आरोप भी लगाया।
मंत्री कश्यप ने तंज कसते हुए लिया आड़े हाथों
भूपेश बघेल के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सरकार के वन मंत्री केदार कश्यप ने उनका शुक्रिया अदा किया और तंज कसते हुए पूछा, "यह आपकी निजी राय है या कांग्रेस का आधिकारिक बयान है?" मंत्री के इस सवाल ने प्रदेश की राजनीति में चर्चाओं को और तेज कर दिया है।








