नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय (MoE) के अंतर्गत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) 2 से 31 अक्टूबर, 2025 तक विशेष अभियान 5.0 के सक्रिय कार्यान्वयन में लगा हुआ है। इस पहल का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को संस्थागत बनाना और देश भर में स्कूल के वातावरण को बेहतर बनाना है, जो जनभागीदारी और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है।
दक्षता और रिकॉर्ड प्रबंधन में वृद्धि
अभियान के मुख्य लक्ष्यों में से एक लंबित मामलों को कम करके और सरकारी कार्य में दक्षता बढ़ाकर कार्यशैली में सुधार लाना है। इसके तहत विभिन्न श्रेणियों में लंबित मामलों की समीक्षा, अभिलेखों का डिजिटलीकरण, अनुप्रयुक्त फ़ाइलों को हटाना और रिकॉर्ड प्रबंधन में सुधार शामिल है।
स्कूलों का कायाकल्प और सौंदर्यीकरण
इस विशेष अभियान के तहत स्कूलों को सुरक्षित और समावेशी शिक्षण स्थल बनाने पर ज़ोर दिया गया है। स्कूल परिसरों को सजाने, सफेदी, रंग-रोगन, बिजली के उपकरणों की मामूली मरम्मत, और शौचालयों/पेयजल सुविधाओं को क्रियाशील बनाने पर ध्यान दिया गया है। इसके अतिरिक्त, मधुबनी, वारली जैसे स्थानीय कला रूपों से प्रेरित भित्ति चित्र और दीवार कला के माध्यम से स्कूलों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।
'ई-कचरा' न्यूनीकरण पर विशेष ध्यान: मिशन लाइफ के अनुरूप 'ई-कचरे को कम करके' शिक्षा इकोसिस्टम में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को मजबूत करना अभियान का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह पहल प्रधानमंत्री द्वारा COP 26 में दी गई वैश्विक अवधारणा मिशन लाइफ के 7 विषयों में से एक के अनुरूप है।
इसी कड़ी में, 9 अक्टूबर, 2025 को DoSEL ने यूनिसेफ के सहयोग से ई-कचरा, जागरूकता और न्यूनीकरण पर एक वेबिनार आयोजित किया। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव, श्री संजय कुमार ने वेबिनार की अध्यक्षता की और छात्रों व शिक्षकों को जिम्मेदार ई-कचरा प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाने के महत्व पर ज़ोर दिया।
विभाग के संयुक्त सचिव, डॉ. अमरप्रीत दुग्गल, ने ई-कचरे को कम करने के लिए व्यावहारिक उपाय बताए, जैसे कि यूएसबी ड्राइव के बजाय क्लाउड स्टोरेज को प्राथमिकता देना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना। उन्होंने स्कूली छात्रों को ई-कचरे के पुनर्चक्रण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
जनभागीदारी और सामुदायिक सक्रियता
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी ई-कचरा प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुसार, 10 अक्टूबर 2025 से असम, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और चंडीगढ़ में 1000 से अधिक स्कूलों में मिशन लाइफ के लिए इको क्लबों के तत्वावधान में ई-कचरा जागरूकता और प्रबंधन अभियान आयोजित किए जा रहे हैं।
स्कूलों को विद्यांजलि प्लेटफॉर्म (https://vidyanjali.education.gov.in/) का उपयोग करके पूर्व छात्र नेटवर्क, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई), स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) और सामुदायिक सहभागिता को सक्रिय करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इन सामूहिक प्रयासों का उद्देश्य जनभागीदारी की भावना को और गहरा करना और स्कूलों में गौरव का संचार करना है।
शिक्षा मंत्रालय इस विशेष अभियान 5.0 के माध्यम से स्वच्छ, कुशल और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार संस्थानों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।



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