सस्ती छपाई के लिए नेपाल ने चीन का रुख किया काठमांडू: भारत के अधिकांश पड़ोसी देशों की तरह, अब नेपाल ने भी अपनी करेंसी (मुद्रा) की प्रिंटिंग के लिए चीन का रुख किया है। नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) ने 7-8 नवंबर को 1000 रुपए के 43 करोड़ नोटों की प्रिंटिंग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय टेंडर जारी किया था।
इस बड़े टेंडर को अंततः चीन की एक कंपनी ने जीत लिया है। इसके बाद, नेपाली बैंक ने यह महत्वपूर्ण टेंडर चाइना CBPMC (China Banknote Printing and Minting Corporation) को दे दिया है।
क्या है इस बदलाव का कारण?
विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल ने यह कदम मुख्य रूप से सस्ती छपाई (Cost-Effectiveness) को देखते हुए उठाया है। पारंपरिक रूप से करेंसी प्रिंटिंग का बड़ा बाजार अमेरिका और ब्रिटेन जैसी पश्चिमी कंपनियों के पास था, लेकिन चीन की कंपनियां अब गुणवत्ता से समझौता किए बिना काफी कम दरों पर प्रिंटिंग सेवाएँ दे रही हैं।
यह कदम न केवल नेपाल के लिए लागत कम करेगा, बल्कि यह भी संकेत देता है कि चीन दुनिया भर में करेंसी प्रिंटिंग के बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जिससे अमेरिका और ब्रिटेन के पारंपरिक बाजार पर सीधा असर पड़ रहा है।







